मध्यप्रदेश के छ: शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम
संचालित करने की मंजूरी- मंत्रि-परिषद के निर्णय
6 आदिवासी विकासखण्ड में राज्य प्रारंभिक ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम
शुरू होंगे
आदिम जाति कल्याण की शालाओं में नियोजित अतिथि शिक्षकों के मानदेय में
दो गुनी वृद्धि
भोपाल,
12 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल
नाथ की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में महिला-बाल विकास
विभाग के अंतर्गत निर्भया फंड से केन्द्र प्रवर्तित सेफ सिटी कार्यक्रम
को वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 की अवधि में मध्यप्रदेश के छ: शहर में
संचालित करने की मंजूरी दी। इसमें भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा,
छतरपुर और जबलपुर शामिल है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं एवं
महिलाओं को शहर में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है। जिससे वे किसी
भी प्रकार की हिंसा के भय से मुक्त होकर जीवन जी सकें। कार्यक्रम में 5
करोड़ रूपये के व्यय की मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अतंर्गत राज्य ग्रामीण
आजीविका मिशन में गठित स्व-सहायता समूहों को उच्च-स्तरीय लघु उद्यमिता
विकास के लिए प्रदेश में पायलट रूप में राज्य के 6 आदिवासी विकासखण्ड
में राज्य प्रारंभिक ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम शुरू करने की मंजूरी
दी। छ: विकासखण्ड में जिला-अलीराजपुर के उदयगढ़ तथा जोबट, जिला धार के
डही तथा कुक्षी और जिला-झाबुआ के झाबुआ तथा राणापुर शामिल हैं।
कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों को 25 हजार प्रति समूह के मान से
उद्यमिता विकास के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने आदिम-जाति कल्याण विभाग की शालाओं में नियोजित अतिथि
शिक्षकों के मानदेय में लगभग दो गुनी वृद्धि करने का निर्णय लिया। अतिथि
शिक्षक वर्ग-एक का मासिक मानदेय 4500 से बढ़ाकर अधिकतम मासिक मानदेय 9
हजार, वर्ग-दो का 3500 से 7 हजार और वर्ग-तीन का 2500 से बढ़ाकर 5 हजार
अधिकतम मासिक मानदेय किया। अतिथि शिक्षक वर्ग-एक के 2802, वर्ग-दो के
6993 और वर्ग-तीन के 11 हजार 738 कुल 21 हजार 533 शिक्षकों को इसका लाभ
मिलेगा। यह मानदेय दरें 1 जुलाई 2019 से देय होंगी।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की घोषणा के पालन में जिला
छिंदवाडा में कृषि महाविद्यालय स्थापना के लिए 146 करोड़ 96 लाख 67 हजार
की मंजूरी दी। महाविद्यालय में 2020-21 के सत्र में 60 विद्यार्थियों
के अध्ययन के लिए पदों के सृजन तथा प्रस्तावित अधोसंरचना के लिये
कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा 50 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में एक नवम्बर 2015 से संचालित डायल 100 सेवा
को निरंतर रखने और केन्द्रीयकृत पुलिस कॉल सेन्टर तथा नियंत्रण कक्ष
तंत्र के विस्तारण एवं उन्नयन की परियोजना को स्वीकृति दी।
मंत्रि-परिषद ने मेडिको लीगल संस्थान के चार पद को एक मार्च 2018 से 28
फरवरी 2023 तक की अवधि की निरंतरता के लिए मंजूरी दी।
मंत्रि-परिषद ने कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के अंतर्गत मध्यप्रदेश
कर्मचारी राज्य बीमा सोसायटी के गठन करने का निर्णय लिया। बेहतर
सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने नवगठित जिला निवाड़ी में पशुपालन विभाग का जिला
कार्यालय खोले जाने के लिए 3 नये पद के सृजन तथा 20 पद पूर्ववर्ती जिला
टीकमगढ से रिडिप्लाय कर नये जिले को आवंटित करने की अनुमति दी।
मंत्रि-परिषद ने भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के
वेतनमान मेट्रिक्स 15 (1,82,200-2,24,100) में 15 पदों को अस्थाई रूप
से निर्मित करने का निर्णय लिया। इसका समायोजन आगामी समय में अतिरिक्त
पुलिस महानिदेशक के सेवानिवृत्ति से प्राप्त होने वाले पदों/ संवर्ग
पुनरीक्षण के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले पदों/ दो वर्ष की अवधि, जो भी
पहले हो, से किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीनस्थ शासकीय चिकित्सा
महाविद्यालयों तथा दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत चिकित्सा
शिक्षकों और दंत चिकित्सा शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक अधिकारियों के
लिए पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां) लागू करने का निर्णय लिया। इसमें
संचालक चिकित्सा शिक्षा, अधिष्ठाता/संचालक प्रोजेक्ट, संयुक्त संचालक
चिकित्सा शिक्षा और संयुक्त संचालक-सह-अधीक्षक/प्राचार्य दंत चिकित्सा
महाविद्यालय और प्राध्यापक चिकित्सा महाविद्यालय/प्राध्यापक दंत
चिकित्सा महाविद्यालय को न्यूनतम वेतन 1 लाख 44 हजार 200 उच्च शिक्षा
द्वारा जारी यूजीसी वेतनमान के पे-मैट्रिक्स अनुसार एकेडमिक लेवल 14 के
समकक्ष वेतनमान दिया जाएगा।
इसी प्रकार सह प्राध्यापक चिकित्सा महाविद्यालय+रीडर दंत चिकित्सा
महाविद्यालय को न्यूनतम वेतन 1 लाख 31 हजार 400 एकेडमिक लेवल 13 ए के
समकक्ष, वेतनमान निर्धारित करने की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा दी गई।
सहायक प्राध्यापक चिकित्सा महाविद्यालय, लेक्चरार दंत चिकित्सा
महाविद्यालय को न्यूनतम वेतन 68 हजार 900 एकेडमिक लेवल 11 के समकक्ष और
पाँच साल बाद देय न्यूनतम वेतन 79 हजार 800 एकेडमिक लेवल 12 के समकक्ष
दिया जाएगा। प्रदर्शक चिकित्सा महाविद्यालय+टयूटर दंत चिकित्सा
महाविद्यालय का न्यूनतम वेतन 57 हजार 700 एकेडमिक लेवल 10 के समकक्ष
वेतनमान में होगा।
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