एमपी की कमलनाथ सरकार ने 8 महीनों में ऐतिहासिक
और लोक कल्याणकारी निर्णय लिये— श्रीमती शोभा ओझा
प्रदेश प्रगति और खुशहाली की ओर
भोपाल,
11 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश में पिछले 8 महीनों में
राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ठोस,
दूरदर्शी, ऐतिहासिक और जनहितैषी फैसले लिए हैं। इन 8 माहों के अल्प समय
में राज्य में प्रगति और खुशहाली देखने को मिल रही है। यह बात
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा
ने भोपाल में 11 सितम्बर 2019 को एक पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
उल्लेखनीय है कि आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं ने
एकसाथ कमलनाथ सरकार की उपलब्धियों को आमजन तक बताने और केन्द्र की
नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलताओं साथ ही मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती
सरकार की नाकामियों को गिनाया।
उन्होंने बताया कि देश इस समय भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है,
पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, रुपये की कीमत रसातल में
पहुंच चुकी है, जीडीपी धराशायी हो चुकी है, मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग,
रियल स्टेट, आटोमोबाइल सेक्टर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है, सार्वजनिक
सेक्टर खस्ताहाल है और बढ़ती बेरोजगारी से देश में कोहराम मचा हुआ है,
केंद्र सरकार की इन घोर विफलताओं के बावजूद ‘‘बंसी बजा रहे नीरो’’ के
अक्षम नेतृत्व के कारण, देश की अर्थव्यवस्था के हालात, इतनी बुरी स्थिति
में पहुंच गए हैं।
ऐसे में शुक्र है कि मध्यप्रदेश में, कमलनाथ जी के नेतृत्व वाली
कांग्रेस की सरकार ने, पिछले 8 महीनों में ऐसे ठोस, दूरदर्शी, ऐतिहासिक
और लोक कल्याणकारी फैसले लिये हैं, जिनसे प्रदेश मंदी की मार से अछूता
रह कर, प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो चला है, बावजूद इसके कि जब
उसे प्रदेश की जनता की सेवा का अवसर मिला, तब खजाना खाली था। इस खाली
खजाने के बाद भी, मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मजबूत इच्छाशक्ति का
परिचय देते हुए, अपने शपथ-ग्रहण के दो घंटे के भीतर ही, किसानों की
कर्ज माफी की फाइल पर दस्तखत कर, कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए वचन को
पूरा कर दिया।
श्रीमती शोभा ओझा ने बताया कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद, यदि
हम उसके कुछ महत्वपूर्ण फैसलों पर गौर करें, तो हम देखेंगे कि
भोपाल-इंदौर सिक्स लेन विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे, जो कमलनाथ जी का
ड्रीम प्रोजेक्ट भी है, इस तरह से निर्मित किया जाएगा, जिसके किनारे
इन्टरनेशल एयरपोर्ट, इंड्रस्ट्रियल टाउनशिप के अलावा सैटेलाइट टाउन भी
विकसित होंगे, इससे न केवल बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी
बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, यही नहीं, कमलनाथ
सरकार के प्रयासों से इंदौर क्षेत्र में मात्र 8 महीनों के भीतर ही 94
कंपनियों ने उद्योग शुरू करने हेतु अवेदन दिये हैं, इन उद्योगों में
प्रस्तावित निवेश की कीमत 27 हजार करोड़ रूपये है, आसानी से अंदाजा लगाया
जा सकता है कि इस सरकार के वर्तमान कार्यकाल के अंत में, प्रदेश में
निवेश का आंकड़ा क्या होगा? सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी जिलों
में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी लगाने जा रही है, ‘इंदिरा गृह ज्योति
योजना’ के तहत सौ यूनिट बिजली की खपत पर, मात्र 100 रुपये बिजली बिल
देने से, लगभग 62 लाख हितग्राहियों को सीधा लाभ पहुंचा है। ‘इंदिरा
किसान ज्योति योजना’ के तहत अप्रैल-2019 से प्रदेश में 10 हाॅर्स पावर
तक के कृषि पंपों का बिल आधा कर दिया गया है, जिससे 18 लाख लोग
लाभान्वित हुए हैं।
इसके अलावा, पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के साथ ही,
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए 10 प्रतिशत
आरक्षण का प्रावधान, कन्या विवाह की राशि को 28 हजार से बढ़ा कर 51 हजार
रुपये करना, राइट टू हेल्थ, राइट टू वाटर जैसे बुनियादी और ठोस कदम
उठाकर, जनता को लाभान्वित करने की सोच के साथ ही, नदी पुनर्जीवन
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 36 जिलों की चालीस नदियों का चयन कर,
21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सघन रूप से जल संरक्षण एवं संवर्धन का काम
प्रारंभ किया गया है। ग्रामीण बसाहटों में 3 हजार से भी अधिक नए
हैंडपंप लगा कर, पेयजल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया
है। कमलनाथ सरकार ने जहां पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य
अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है, वहीं उसने शिक्षकों को उनकी
पसंद की वरीयता अनुसार स्थानांतरित करने के निर्णय से, प्रदेश के हजारों
शिक्षकों के जीवन में खुशहाली का संचार किया है। अब तक कुपोषण से जूझते
आ रहे मध्यप्रदेश में, सरकार ने कई ऐसे कदम उठाये हैं, जिनसे कुपोषण और
शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके, अपने इसी प्रयास के अंतर्गत सरकार
‘मदर मिल्क बैंक’ शुरू करने जा रही है, ऐसे नवजात, जो चिकित्सकीय कारण
से मां का दूध नहीं पी पाते, उन बच्चों को मिल्क बैंक का मिल्क दिया जा
सकेगा। इससे प्री-मैच्योर बच्चों को डायरिया और बुखार से बचाने के साथ
ही, शिशु मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी लाई जा सकेगी। जनता के जीवन
व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे मिलावटखोरों के खिलाफ, कमलनाथ सरकार जिस
तरह से कहर बन कर टूट पड़ी है, वह प्रदेश के नागरिकों के प्रति उसकी
चिंता और संवेदनशीलता का जीवंत प्रमाण है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों की बड़ी आबादी को
सीधा लाभ पहुंचाते हुए, तेंदूपत्ता बोरियों की संग्रहण दर, दो हजार से
बढ़ा कर ढाई हजार रुपये करने के साथ ही, बैंक की बजाय, उन्हें सीधे नगद
भुगतान की व्यवस्था की गई है। महिला उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज करने हेतु
एकीकृत महिला हेल्पलाइन 181 स्वीकृत की गई है। ‘‘राम वन गमन पथ’’ के
निर्माण और विकास के लिये भी सरकार ने बजट में बड़ी राशि स्वीकृत की है,
वहीं विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर के विकास के लिये भी 300 करोड़ रुपये
की राशि स्वीकृत की गई है। महेश्वर में पर्यटन बढ़ाने के लिए विशेष
प्रयास प्रारंभ कर दिये गये है। अपने वचन-पत्र में दिये गये वचनों को,
कमलनाथ सरकार जिस शिद्दत से पूरा करने में जुटी है, वह अन्य सरकारों के
लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण है। प्रदेश के नागरिकों के बीच भाजपा लगातार
यह भ्रम फैलाने की भी कोशिशें कर रही है कि उसकी पिछली सरकार की योजनाओं
को कांग्रेस सरकार बंद कर रही है या करने के प्रयास कर रही है, यह
सरासर मिथ्या, आधारहीन और भ्रामक प्रचार है। कमलनाथ सरकार ने यह तय किया
है कि बिना समीक्षा के, पूर्ववर्ती सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं
किया जाएगा। ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ के अंतर्गत कांग्रेस सरकार ने मात्र
अपने 8 महीनों के कार्यकाल में ही, अब तक डेढ़ लाख से अधिक बालिकाओं को
लाभान्वित कर, अपनी पवित्र नीति और नीयत को स्पष्ट कर दिया है।
उन्होंने बताया कि नई रेत खनन नीति के द्वारा राजस्व में वृद्धि के साथ
ही, पंचायतों को इससे प्राप्त होने वाली राशि में वृद्धि का प्रावधान
किया गया है। रोजगार को बढ़ावा देने तथा अर्थव्यवस्था में तेजी से
बढ़ोत्तरी के लिए अचल संपत्ति की गाइडलाइन दरों को पहली बार 20 प्रतिशत
कम किया गया है। पत्नी एवं पुत्री को, मात्र 1100 रुपये के स्टांप एवं
पंजीयन शुल्क पर, अब संपत्ति का स्वामी बनाया जा सकता है। यह महिला
सशक्तिकरण की दिशा में भी एक अच्छी पहल है। इस अल्पावधि में ही नगरीय
क्षेत्रों में तीस हजार से भी अधिक भूमिहीन व्यक्तियों को आवासीय पट्टे
वितरित किए गए हैं। ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ योजना के तहत प्रत्येक
तीन माह में सरकार के सभी प्रमुख विभागों के मंत्री और अधिकारी, स्वयं
जनता के बीच जाकर, जनता की समस्याओं का निराकरण करेंगे। ‘जय किसान
समृद्धि योजना’ में प्रदेश सरकार ने किसानों का गेहूं दो हजार रुपये
प्रति क्विंटल, यानि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के घोषित समर्थन मूल्य
1840 रुपये प्रति क्विंटल से, 160 रुपये अधिक में खरीदा। सिंचाई
सुविधाओं को तेजी से बढ़ाने के लिए हजारों करोड़ रुपये की लागत से, पचास
से भी अधिक सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिनसे
प्रदेश के लाखों हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का लाभ मिलेगा।
इंडिया सीमेंट्स, एचईजी, वंडर सीमेंट, प्राॅक्टर एंड गैंबल, श्रीराम
पिस्टन आदि बड़े उद्योगों को निवेश प्रोत्साहन की स्वीकृति प्रदान कर दी
गई है, जिनसे हजारों करोड़ रुपयों के निवेश के साथ ही, हजारों प्रत्यक्ष
और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रदेश में केवल उन्हीं उद्योगों को
निवेश प्रोत्साहन और सब्सिडी आदि की छूट मिलेगी, जो स्थानीय युवाओं को
सत्तर प्रतिशत रोजगार देंगे।
उन्होंने बताया कि कमलनाथ सरकार के मात्र 8 महीनों के कार्यकाल की सैकड़ों
उपलब्धियों में से, कुछ का, यहां पर मैंने वर्णन किया है, अगर इस
समयावधि में से आदर्श चुनाव आचार संहिता के दो-तीन महीने और कम कर दिये
जाएं तो सरकार को केवल 5-6 महीनों का ही वास्तविक समय मिल पाया है और
केवल इतनी अल्पावधि में मिली, इतनी उपलब्धियों को, किसी भी सरकार के
लिहाज से, बेहतर प्रदर्शन ही माना जाना चाहिये, लेकिन आश्चर्य तो इस
बात का है कि कमलनाथ सरकार का अभी से हिसाब, वे लोग मांग रहे हैं, जो
15 वर्षों के लंबे कार्यकाल के बावजूद, प्रदेश को बीमारू से विकसित
राज्य में तब्दील नहीं कर पाए। हर वक्त प्रदेश के विकास का झूठा ढिंढोरा
पीटते रहने के बाद भी, हकीकत यह थी कि मध्यप्रदेश विकास की दौड़ में
केवल बिहार और झारखंड से ही आगे था और देश के विकसित राज्यों की सूची
में भी वह 27 क्रम पर था, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान सहित
भाजपा के अन्य पुरोधा, यह कभी नहीं बताते कि हमारा प्रदेश, डेढ़ दशक तक
महिला अत्याचारों, किसान आत्महत्याओं, बेरोजगारी और कुपोषण में लगातार
अव्वल क्यों बना रहा, वे यह भी नहीं बता पाते कि क्यों इस प्रदेश में
नए उद्योग नहीं लग पाये, क्यों यहां से लगातार प्रतिभा पलायन होता रहा,
क्यों आलीराजपुर इस देश का सबसे गरीब जिला बना रहा और क्यों यहां के
श्योपुर जिले को, कुपोषण के चलते, भारत का ‘इथियोपिया’ कहा जाने लगा
था!
श्रीमती ओझा ने कहा कि ये सभी आरोप, कांग्रेस ने इन पर नहीं लगाए बल्कि
केंद्र सरकार और मीडिया की रिपोर्टों के साथ ही, विभिन्न निष्पक्ष
एजेंसियों के सर्वे, समय-समय पर इन तथ्यों की पुष्टि करते रहे हैं।
अनवरत 15 वर्षों तक सत्ता की मलाई खाने और प्रदेश के संसाधनों व खनिज
संपदा की बंदरबांट का जो खेल, इस प्रदेश में खेला गया, वह व्यापमं,
डंपर, ई-टेंडरिंग और अवैध उत्खनन के आईनों में साफ देखा जा सकता था।
बेहतर होता कि प्रदेश में हुए विभिन्न महाघोटालों के साथ ही, 21 हजार
से अधिक किसानों की आत्महत्याओं, छह किसानों के नरसंहार, 47 हजार से
अधिक महिलाओं के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं, व्यापमं घोटाले से
संबंधित 50 से अधिक लोगों की संदिग्ध मौतों पर, भाजपा प्रायश्चित
स्वरूप, कोई श्वेत-पत्र लाती।
भाजपा और उसके नेता, वर्तमान सरकार से कोई सवाल पूछें, इसका उनके पास
कोई नैतिक तो नहीं, हां, संवैधानिक अधिकार जरूर है और हम उनके इस
अधिकार का सम्मान करते हुए, उनसे केवल यही आग्रह करते हैं कि वे कमलनाथ
सरकार के द्वारा उठाए जा रहे लोक कल्याणकारी कदमों की सकारात्मक आलोचना
करें, लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाली हमारी इस सरकार को,
प्रशंसाओं के साथ ही, रचनात्मक सुझावों और सकारात्मक आलोचनाओं की भी
उतनी ही जरूरत है, आखिर हम मध्यप्रदेश के विकास का, स्वर्णिम अध्याय जो
लिखने जा रहे हैं।
पत्रकारवार्ता के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के मीडिया
समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव आयोग
कार्यो के प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट जेपी धनोपिया, प्रवक्ता
संतोष सिंह गौतम मौजूद थे। |