गौ-संरक्षण अभियान का नाम होगा मुख्यमंत्री गौ-सेवा
योजना
आगामी वर्ष 3 हजार गौ-शाला बनाने का निर्णय : दिसम्बर तक तैयारी पूर्ण
करने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने की प्रोजेक्ट गौ-शाला की समीक्षा
भोपाल,
11 अक्टूबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल
नाथ ने प्रदेश में एक हजार गौ-शालाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने
और इसे हर हाल में तय समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित विभागों की जवाबदेही तय की जाए और
समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाए। श्री कमल नाथ ने कहा कि अगले वर्ष
प्रदेश में 3 हजार गौ-शालाएँ बनाने का लक्ष्य है। इसकी पूरी योजना,
निर्माण स्थल का चयन और सभी प्रक्रियाओं को दिसम्बर 2019 तक पूरा किया
जाए। श्री कमल नाथ आज मंत्रालय में प्रोजेक्ट गौ-शाला की समीक्षा कर रहे
थे। बैठक में गौ-रक्षा एवं निराश्रित गायों के लिए सरकार द्वारा चलाए
जा रहे अभियान को "मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना'' नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि सड़कों पर निराश्रित गायों की रक्षा
और आवारा पशुओं के कारण आम आदमी को होने वाली समस्याओं का समाधान
प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के निर्माण
में जो भी दिक्कतें हैं, वे उनके ध्यान में लाई जाएँ ताकि उनका तत्काल
निराकरण हो सके। धन की कमी इस काम में आड़े नहीं आना चाहिए। श्री कमल
नाथ ने गौ-शाला निर्माण एवं संचालन करने वाले ग्रामीण विकास और पशुपालन
विभाग में बेहतर ताल-मेल की आवश्यकता बताई ताकि सभी काम निर्बाध रूप से
त्वरित गति से हो सकें। मुख्यमंत्री ने बैठक में गौ-शालाओं के निर्माण
की प्रगति और गौ-संरक्षण के लिए निजी क्षेत्रों द्वारा की गई पहल के
बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड से पशुपालन
विभाग को चारे के लिए मिलने वाली राशि का उपयोग गौ-संरक्षण के अन्य
कार्यों में किए जाने पर अपनी सहमति प्रदान की।
बैठक में पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव और नगरीय विकास तथा आवास
मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अतिरिक्त
मुख्य सचिव वन श्री ए.पी. श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंचायत एवं
ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन श्री
मनोज श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन एवं
आयुक्त नगरीय विकास श्री पी.नरहरि तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। |