कमलनाथ सरकार के ठोस प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश
अन्य क्षेत्रों के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बनेगा देश का
अग्रणी राज्य: शोभा ओझा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ताजा रिपोर्ट से शिवराज सिंह का झूठ हुआ
उजागर, मध्यप्रदेश को बीमारू से विकसित राज्य बनाने के दावे की खुली
पोल
भोपाल,
10 अक्टूबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया
विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया
कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की हेल्थ सिस्टम स्ट्रैंथनिंग कंडीशनलिटी
रिपोर्ट से यह तथ्य उजागर हुआ है कि मध्यप्रदेश अब तक उन राज्यों की
श्रेणी में शुमार रहा है, जिनका कामकाज इस मानक पर बेहद खराब रहा है और
जिसके चलते प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाला फंड नहीं मिल पाएगा,
इससे एक बात तो बिल्कुल साफ हो गई है कि प्रदेश को बीमारू से विकसित
राज्य बनाने का ढिंढोरा पीटने वाले शिवराज सिंह के दावे पूरी तरह से
खोखले और झूठे थे।
आज जारी अपने बयान में श्रीमती ओझा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया की
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मापदंडों के आधार पर स्वास्थ्य
सेवाओं में दादरा और नगर हवेली, हरियाणा, असम, केरल तथा पंजाब टाॅप 5
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, इन राज्यों ने मिशन
के मापदंडों को मजबूत करने वाली विभिन्न स्वास्थ्य प्रणालियों में अच्छा
काम किया है। रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम
बंगाल और मिजोरम आदि का कामकाज इस मामले में बेहद खराब रहा है।
श्रीमती ओझा ने कहा की इस रिपोर्ट ने उन पुरानी कई रिपोर्टों की भी
पुष्टि कर दी है, जिनके अनुसार मध्यप्रदेश भुखमरी, कुपोषण और स्वास्थ्य
सेवाओं की दृष्टि से बिहार और झारखंड जैसे राज्यों की श्रेणी में शुमार
था और शिवराज सिंह चैहान बेशर्मी से लगातार प्रदेश में विकास और तरक्की
की डींगें हांकते थे।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि पिछली शिवराज सरकार की
अकर्मण्यता के ठीक विपरीत वर्तमान कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की
बहाली और बेहतरी के लिए अस्पतालों, चिकित्सकों, दवाइयों और अन्य
स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के लिए ठोस कदम उठाते हुए, जनता के
जीवन और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे मिलावटखोरों के खिलाफ भी
‘‘शुद्ध के लिए युद्ध’’ अभियान छेड़ दिया है और इन सब ठोस, संवेदनशील और
मानवीय प्रयासों के बाद यह निश्चित है कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के
दौरान मध्यप्रदेश अन्य क्षेत्रों के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि
से भी भारत का एक अग्रणी राज्य बन उभरेगा।
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